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अपने बैंक नोटों के बारे में जानिए

करेंसी नोट(चलार्थ पत्र) राष्ट्र की समृद्ध एवं विविध संस्कृति, स्वतंत्रता के लिए उसके प्रयास एवं राष्ट्र के रूप में अपनी उपलब्धियों के प्रतिबिंब है।

देश की संस्कृति को हमारी पहचान से एकरूपता के लिए तथा उसकी वैज्ञानिक उन्नति के लिए नए डिजाइन वाली नई बैंक नोटों की श्रंखला को जारी किया गया है।

नए डिजाइन वाले बैंक नोट वर्तमान की महात्मा गांधी श्रंखला वाले बैंक नोटों से रंग, आकार, एवं विषय वस्तु आधार पर भिन्न है। नए बैंक नोट श्रंखला की थीम/विषय भारत के विरासत की है।

इन नोटों में देवनागरी में अंक लिखे हुए है, स्वच्छ भारत का लोगों आदि शामिल किए गए नए तत्वों में से कुछ है। नए नोटों में बहुत से डिजाइन तत्व एवं जटिल रूप और आकार भी मौजूद है।

बैंक नोटों की वर्तमान श्रृंखला में सुरक्षा विशेषताएं, जैसे वाटरमार्क, सुरक्षा धागा, मूल्य अंक की धुंधली छवि, रंग बदलने वाली स्याही में मूल्य अंक, संख्या पैनल, रजिस्टर, इलेक्ट्रो-प्रकार, ब्लीड लाइनों, आदि उपलब्ध हैं हालांकि नए डिजाइन के नोटों में उनके स्थान परस्पर बदल सकते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के हिस्से के रूप में ₹2000 के मूल्यवर्ग में नए डिजाइन के बैंक नोट पेश कर रहा है। नए मूल्यवर्ग के पृष्ठभाग पर मंगलयान की आकृति है, जो अंतर्ग्रहीय अंतरिक्ष में देश के पहले उपक्रम को दर्शाती है। नोट का बेस कलर मैजेंटा है। नोट में अन्य डिज़ाइन, ज्यामितीय पैटर्न हैं जो समग्र रंग योजना के साथ संरेखित हैं, दोनों अग्रभाग और रिवर्स पर। नए नोट का साइज 66mm x 166mm है। . .

महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला में नए ₹500 के नोट रंग, आकार विषय, सुरक्षा सुविधाओं के स्थान और डिजाइन तत्वों में वर्तमान श्रृंखला से भिन्न हैं। नए नोट का साइज 66mm x 150mm है। नोटों का रंग स्टोन ग्रे है और प्रमुख नया विषय भारतीय विरासत स्थल - लाल किला है।

भारतीय रिजर्व बैंक महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के हिस्से के रूप में ₹2000 के मूल्यवर्ग में नए डिजाइन के बैंक नोट पेश कर रहा है। नए मूल्यवर्ग के पृष्ठभाग पर मंगलयान की आकृति है, जो अंतर्ग्रहीय अंतरिक्ष में देश के पहले उपक्रम को दर्शाती है। नोट का बेस कलर मैजेंटा है। नोट में अन्य डिज़ाइन, ज्यामितीय पैटर्न हैं जो समग्र रंग योजना के साथ संरेखित हैं, दोनों अग्रभाग और रिवर्स पर। नए नोट का साइज 66mm x 166mm है। . .

वित्तीय

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वार्षिक रिपोर्ट्स

आचार संहिता

संदेश

एसपीएमसीआईएल, कॉर्पोरेट कार्यालय, नई दिल्ली (दिल्ली)      

सूचना - 03 जनवरी, 2022
एसपीएमसीआईएल, कॉर्पोरेट कार्यालय, नई दिल्ली (दिल्ली)      

सूचना - 31 दिसंबर, 2021
एसपीएमसीआईएल, कॉर्पोरेट कार्यालय, नई दिल्ली (दिल्ली)      

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एसपीएमसीआईएल, कॉर्पोरेट कार्यालय, नई दिल्ली (दिल्ली)      

कोविड-19

सीवीओ कॉर्नर

आरटीआई अनुपालन

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आरटीआई अनुरोध और उत्तर

सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) का गठन चार टकसालों, चार प्रेस और एक पेपर मिल सहित नौ इकाइयों के निगमीकरण के बाद किया गया था, जो पहले वित्त मंत्रालय के अधीन काम कर रहे थे। कंपनी को 13.01.2006 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 16वीं मंजिल, जवाहर व्यापार भवन, जनपथ, नई दिल्ली में मुख्यालय के साथ शामिल किया गया था। SPMCIL, एक मिनीरत्न श्रेणी- I CPSE, और भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुसूची "ए" कंपनी, सुरक्षा कागज के निर्माण, सिक्कों की ढलाई, मुद्रा और बैंक नोटों की छपाई, गैर-न्यायिक स्टांप पेपर, डाक टिकटों के निर्माण में लगी हुई है। , यात्रा दस्तावेज, आदि। एसपीएमसीआईएल की सभी नौ इकाइयों में कर्मचारियों की संख्या लगभग 12600 है। कंपनी के पास मुद्रा नोटों और सिक्कों के लिए आरबीआई की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चार प्रेस, चार टकसाल और एक पेपर मिल है और गैर-न्यायिक स्टांप पेपर के लिए राज्य सरकारें और डाक स्टेशनरी, टिकट आदि के लिए डाक विभाग और पासपोर्ट के लिए विदेश मंत्रालय, वीजा स्टिकर और अन्य यात्रा दस्तावेज। अन्य उत्पाद स्मारक सिक्के, एमआईसीआर और गैर-एमआईसीआर चेक आदि हैं। एसपीएमसीआईएल के पास ₹ 7000 करोड़ का परिसंपत्ति आधार है और वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए इसकी बिक्री का कारोबार पिछले वित्तीय वर्ष में ₹ 3134.57 करोड़ की तुलना में बढ़कर ₹ 3422.68 करोड़ हो गया। कंपनी आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। इसकी अध्यक्षता अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक करते हैं। चार उत्पादन वर्टिकल की सभी 9 इकाइयाँ यानी करेंसी प्रिंटिंग प्रेस, सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस, सिक्योरिटी पेपर मिल और महाप्रबंधकों की अध्यक्षता वाली भारत सरकार की टकसाल औद्योगिक संगठन हैं और समय-समय पर जारी किए गए श्रम कानूनों और सरकार के निर्देशों के अनुसार विनियमित हैं। इन इकाइयों की मुख्य गतिविधियाँ निम्नानुसार हैं:

चलार्थ पत्र मुद्रणालय :
चलार्थ पत्र मुद्रणालय, नासिक रोड और बैंक नोट प्रेस, देवास जो हमारे देश के साथ-साथ विदेशों के लिए भी बैंक नोटों के उत्पादन में लगे हुए हैं, अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हैं। भारत में परिचालित 40% से अधिक मुद्रा नोट इन इकाइयों द्वारा मुद्रित किए जाते हैं। ये इकाइयां डिजाइनिंग, उत्कीर्णन, पूर्ण प्री-प्रिंटिंग और ऑफसेट सुविधाओं, इंटैग्लियो प्रिंटिंग मशीन, नंबरिंग और फिनिशिंग मशीन आदि से लैस हैं। दोनों करेंसी नोट प्रिंटिंग प्रेस आईएसओ 9001:2000 और आईएसओ 14001:2004 प्रमाणित इकाइयां हैं जिनके पास फुल-प्रूफ अकाउंटिंग है। सुरक्षा मदों की संख्या, अल्ट्रा-मॉडर्न इको-फ्रेंडली कुशल उपचार सुविधाओं के साथ कड़ी सुरक्षा प्रणालियाँ और अधिकतम पारगमन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सेवा विभाग द्वारा पूरक। इन इकाइयों के पास ट्रेजरी की खेप के परिवहन के लिए कैप्टिव रेलवे ट्रेजरी वैगन / कैरिज हैं। इन इकाइयों का पूर्वी अफ्रीका, इराक, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, भूटान आदि देशों को बैंक नोटों के निर्यात का इतिहास रहा है। बैंक नोट प्रेस देवास विभिन्न सुरक्षा संगठनों के लिए विभिन्न प्रकार की सुरक्षा स्याही भी बनाती है। वर्ष 2011-12 के लिए स्याही का उत्पादन 272.62 मीट्रिक टन था।

प्रतिभूति मुद्रणालय :
सुरक्षा प्रिंटिंग प्रेसों का सुरक्षित संचालन प्रक्रियाओं और विनिर्माण प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा उत्पादों का उत्पादन करने के लिए विशेष तकनीक और कई प्रिंटिंग प्रक्रियाओं को नियोजित करने का 80 से अधिक वर्षों का गौरवशाली इतिहास है। इन प्रेसों में डिजाइनिंग, प्री-प्रिंटिंग और पोस्ट-प्रिंटिंग के लिए नवीनतम तकनीकी सुविधाएं हैं। सुरक्षा प्रिंटिंग प्रेस में रासायनिक रूप से प्रतिक्रियाशील तत्वों, विभिन्न गिलोच पैटर्न, माइक्रो लेटरिंग, यूवी स्याही के साथ डिजाइन, द्वि-फ्लोरोसेंट स्याही, ऑप्टिकल चर स्याही, सूक्ष्म छिद्रण, चिपकने वाला/गोंद, एम्बॉसिंग, डाई-कटिंग और वैयक्तिकरण जैसी सुरक्षा सुविधाओं को शामिल करने की क्षमता है।

भारत सुरक्षा प्रेस, नासिक न्यायिक / गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर, सभी प्रकार के डाक और गैर डाक टिकट और स्टेशनरी, पासपोर्ट, वीजा और अन्य यात्रा दस्तावेज, एमआईसीआर और गैर-एमआईसीआर चेक, पहचान पत्र, रेलवे वारंट, आयकर की आपूर्ति करता है। रिटर्न ऑर्डर फॉर्म, सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स, स्मारक टिकट आदि। ये सुरक्षा दस्तावेज विभिन्न राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के विभागों, डाक विभाग, वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय के साथ-साथ आरबीआई को भी मुद्रित और आपूर्ति किए जाते हैं। इसने अन्य बाजारों में प्रवेश किया है जहां सुरक्षा सुविधाओं के साथ शामिल दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और विविधीकरण के हिस्से के रूप में नए उत्पादों का विकास कर रहा है। एक विशेष जालसाजी डिटेक्शन सेल भी विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आरबीआई की मांग को पूरा करता है। आईएसपी ने आधिकारिक और राजनयिक ई-पासपोर्ट के उत्पादन का उपक्रम करके भारत में पहली बार ई-पासपोर्ट पेश किया है। आईएसपी ने यूटीआई प्रौद्योगिकी सेवाओं के लिए पैन आवेदन पत्र और संबद्ध स्टेशनरी और आरटीओ, छत्तीसगढ़ सरकार के लिए 11 प्रकार के प्रमाणपत्रों को सफलतापूर्वक मुद्रित किया है। इसके अलावा, इसने विभिन्न स्मारकों के लिए प्रवेश टिकट प्रिंट करने और आपूर्ति करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और चुंगी रसीदों को मुद्रित करने और आपूर्ति करने के लिए नासिक नगर निगम, नासिक के साथ एक अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसने राष्ट्रमंडल खेलों 2010 के टिकटों की छपाई की है।

सुरक्षा प्रिंटिंग प्रेस, हैदराबाद की स्थापना वर्ष 1982 में केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी, जैसे डाक स्टेशनरी आइटम, केंद्रीय उत्पाद शुल्क टिकट, गैर-न्यायिक टिकट, कोर्ट फीस टिकट, भारतीय डाक जैसे सुरक्षा दस्तावेजों की छपाई और आपूर्ति। ऑर्डर और सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स आदि। यह आधुनिक प्री-प्रेस प्लेट-मेकिंग सिस्टम और पोस्ट-प्रिंटिंग तकनीकों से लैस है, जिसमें वेध, नंबरिंग, यूवी प्रिंट टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन लिफाफा बनाने, अंतर्देशीय पत्र, एरोग्राम, पोस्टल स्टेशनरी आदि के लिए प्रसंस्करण सुविधा है। हरियाणा वेयरहाउस कॉरपोरेशन से वेयरहाउस फॉर्म की छपाई का अब तक का पहला ऑर्डर मिला है। इसने वेयरहाउस लोगो के साथ-साथ अदृश्य स्याही में माइक्रो-टेक्स्ट पेश करके इन रूपों में सुरक्षा सुविधाओं को भी शामिल किया है।

प्रतिभूति कागज कारखाना:
प्रतिभूति कागज कारखाना (एसपीएम), नर्मदापुरम की स्थापना 1968 में हुई थी और इसे गैर-वाणिज्यिक उपक्रम के रूप में अधिसूचित किया गया था। एसपीएम, एक आईएसओ 9001:2000 इकाई विभिन्न प्रकार के सुरक्षा पत्रों के निर्माण के लिए जिम्मेदार है। इस इकाई द्वारा निर्मित कागजों का उपयोग CNP और BNP द्वारा करेंसी नोटों की छपाई के लिए और ISP और SPP द्वारा मुद्रित किए जा रहे गैर-न्यायिक स्टाम्पों के लिए किया जाता है। एसपीएम, नर्मदापुरम को पेपर में कई सुरक्षा विशेषताओं को शामिल करने का गौरव प्राप्त है, जैसे फ्लोरेसेंस फाइबर, मल्टी-टोनल थ्री डायमेंशनल वॉटरमार्क, इलेक्ट्रोटाइप वॉटरमार्क, विभिन्न प्रकार के सुरक्षा थ्रेड्स, टैंगेंट्स आदि। एसपीएम में, पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रिया और ऊर्जा संरक्षण पहलू अत्यधिक महत्व दिया गया है।

भारत सरकार टकसाल:
टकसाल मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में स्थित हैं और गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन की समृद्ध टकसाल विरासत और विरासत है। ये टकसाल देश में प्रचलित सभी सिक्कों की ढलाई का काम कर रही हैं। इंडिया गवर्नमेंट मिंट्स (आईजीएम) टकसाल बनाने की प्रक्रिया के हर चरण को कवर करने वाली व्यापक श्रेणी की सेवाएं प्रदान करता है - योजना बनाने से लेकर तैयार उत्पादों तक। उन्नत प्रौद्योगिकी, नवाचार, गुणवत्ता और विश्वसनीय वितरण विधियों का उपयोग इन टकसालों की ताकत के कुछ घटक हैं। आईजीएम ने टकसाल की दुनिया में एक खास जगह बनाई है - डिजाइन में उत्कृष्टता, कीमती धातुओं की ढलाई में विशेषज्ञता, और सबसे बढ़कर, शिल्प कौशल की एक लंबी परंपरा। विश्वसनीयता एक व्यक्तिवादी समाधान के डिजाइन और उत्पादन में एक प्राकृतिक तरीके से संयुक्त है जो वास्तव में ग्राहकों के मूल्यों को दर्शाती है। संचलन सिक्कों की ढलाई के अलावा, आईजीएम स्मारक सिक्कों का निर्माण भी करते हैं। आईजीएम के अलावा पदकों और विभिन्न बुलियन गतिविधियों जैसी वस्तुओं की ढलाई में विश्वसनीय नाम है।

एसपीएमसीआईएल, कॉर्पोरेट कार्यालय, नई दिल्ली (दिल्ली)
कंपनी के अधिकारियों की शक्तियां संगठन में सभी स्तरों पर अच्छी तरह से परिभाषित हैं। समय-समय पर कार्य सौंपे जाते हैं।

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कंपनी का समग्र प्रबंधन कंपनी के निदेशक मंडल के पास है, जो कंपनी के भीतर सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। चूंकि एसपीएमसीआईएल एक सरकारी कंपनी है, निदेशक मंडल भारत सरकार के प्रति जवाबदेह है। बोर्ड की प्राथमिक भूमिका कंपनी की संपत्ति की रक्षा के लिए ट्रस्टीशिप की है और उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने वाले ऐसे निर्णय लेना है। बोर्ड कंपनी के रणनीतिक निर्देशों की देखरेख करता है, कॉर्पोरेट प्रदर्शन की समीक्षा करता है, रणनीतिक निर्णयों को अधिकृत और मॉनिटर करता है, नियामक अनुपालन सुनिश्चित करता है और कंपनी के हितों की रक्षा करता है। बोर्ड यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी इस तरह से प्रबंधित हो जिससे हितधारकों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके। कंपनी का दिन-प्रतिदिन का प्रबंधन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक को सौंपा गया है, जिसे कार्यात्मक निदेशकों और कंपनी के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त है। अपने कार्यों के प्रभावी निर्वहन के लिए, निदेशक मंडल ने अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक को पर्याप्त शक्तियां प्रदान की हैं। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बदले में, कार्यात्मक निदेशकों/कार्यकारियों को उनके द्वारा उचित नियंत्रण बनाए रखने और ऐसी शर्तों के अधीन, जो ऐसे निदेशकों को सौंपी गई जिम्मेदारियों के त्वरित, प्रभावी और कुशल निर्वहन की आवश्यकता के अनुरूप हैं, के अधीन निर्दिष्ट शक्तियाँ सौंपते हैं। अधिकारी। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक निदेशक मंडल के प्रति जवाबदेह हैं। कार्यात्मक निदेशक अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के प्रति जवाबदेह होते हैं। कार्यकारी अधिकारी संबंधित कार्यात्मक निदेशकों के प्रति जवाबदेह हैं। कंपनी में निर्णय लेने की प्रक्रिया में निम्नलिखित चैनल शामिल हैं:

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SPMCIL enters into an MOU with the Department of Economic Affairs, Ministry of Finance, Government of India every year. The MOU contains the performance criteria on which performance of the corporation is evaluated at the end of the year. The MOU also indicates targets and comparative weights for each performance criteria. The performance evaluated at the end of the year is done on a five-point scale, 1 representing ‘Excellent’ & 5 representing ‘Poor’. The Company has achieved ‘Excellent’ MOU rating for three years in succession.

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कंपनी ने अपने कार्य संचालन के लिए नियम तैयार किए हैं। प्रमुख मार्गदर्शी दस्‍तावेजों की सूची निम्‍नलिखित है:-

• कंपनी के विधान और संघ का ज्ञापन
• आचरण, अनुशासन तथा अपील नियमावली
• प्रापण नियमावली
• कार्मिक नीति दस्‍तावेज
• सतर्कता मामलों संबंधी पुस्तिका
• लेखा नियमावली
• आंतरिक लेखा परीक्षा नियमावली

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कंपनी द्वारा या उसके नियंत्रण में रखे जा रहे दस्तावेजों की विभिन्न श्रेणियां नीचे दी गई हैं:
1. निगमन से संबंधित दस्तावेज
    1. मेमोरेंडम एंड आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन
    2. कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत वैधानिक रजिस्टर।
    3. अन्य लागू अधिनियमों और नियमों और विनियमों के तहत वैधानिक रजिस्टर।
   4. वार्षिक रिपोर्ट।
   5. वार्षिक रिटर्न।
   6. कंपनियों के रजिस्ट्रार, आदि के पास दायर रिटर्न और फॉर्म।
2. निदेशक मंडल की बैठकों से संबंधित दस्तावेज
   1. निदेशक मंडल की बैठकों की सूचनाएं और कार्यवृत्त पुस्तिका।
   2. आम सभा की बैठक की सूचनाएं और कार्यवृत्त।
3. खातों से संबंधित दस्तावेज:
   1. लेखा पुस्तकें
   2. तिमाही वित्तीय परिणामों का विवरण
   3. वार्षिक रिपोर्ट
   4. लेखा नियमावली
   5. आंतरिक लेखापरीक्षा नियमावली
   6. आयकर के भुगतान, स्रोतों पर कर कटौती आदि से संबंधित दस्तावेज।
   7. वाउचर, आदि।
4. स्थापना मामलों से संबंधित दस्तावेज
    1. कर्मचारियों के विवरण वाले दस्तावेज
    2. स्थापना मामलों से संबंधित विभिन्न आंतरिक नीतियां, नियम और विनियम
    3. कर्मचारियों की निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट
    4. डीपीई दिशानिर्देशों के अनुपालन से संबंधित फाइलें और रिकॉर्ड
     5. सेवा नियम
     6. सीडीए नियम
5. Documents pertaining to legal matters –
     1. माननीय न्यायालयों, न्यायाधिकरणों आदि को प्रस्तुत याचिका, वाद, लिखित बयान और अन्य दस्तावेज।
     2. माननीय न्यायालयों के आदेश

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एसपीएमसीआईएल, निगम मुख्‍यालय, नई दिल्‍ली एसपीएमसीआईएल एक वाणिज्यिक संगठन है जो टकसालों, मुद्रणालयों तथा कागज कारखानों के निगमीकरण के उपरांत अस्तित्‍व में आया है। ये इकाइयां इससे पूर्व वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अधीन कार्यरत थी। कंपनी द्वारा तैयार की गई नीतियां इसके आंतरिक प्रबंधन से संबंधित हैं। इसलिए इसकी आतंरिक नीतियों के तैयार करने से पूर्व जन प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श करने की अवश्‍कयता नहीं है। इसकी सभी नीतियां सभी लागू नियम तथा विनियम आदि प्रावधानों के अनुपालन तथा पंजीकृत संघों से विचार-विमर्श करके तैयार की जाती है।

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बोर्डों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली नहीं होती हैं और कंपनी के व्यवसाय की प्रकृति को देखते हुए ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त को जनता के लिए सुलभ नहीं बनाया जाता है।

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उच्चाधिकारियों की सूची

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कंपनी प्रोफाइल, व्‍यवसाय, तिमाही वित्‍तीय कार्य निष्‍पादन, वार्षिक रिपोर्टस आदि से संबंधित जानकारी कंपनी द्वारा इलैक्‍ट्रोनिक अवस्‍था में रखी जाती है तथा यह कंपनी की वेबसाईट अर्थात् www.spmcil.com पर उपलब्‍ध है।

एसपीएमसीआईएल, कॉर्पोरेट कार्यालय, नई दिल्ली (दिल्ली)
कोई भी भारतीय नागरिक जो सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत किसी प्रकार की सूचना प्राप्‍त करना चाहता है तो वह जनसूचना अधिकारी/सहायक जनसूचना अधिकारी को आवेदन पत्र में लिखित में एक अनुरोध भेज सकता है। सार्वजनिक उपयोग के लिए कंपनी का कोई पुस्‍तकालय उपलब्‍ध नहीं है।

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एफएए पीआईओ सूची

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मानव संसाधन

People- before-Profits is the guiding philosophy for the broad array of HR policies at SPMCIL. We strongly believe in and are committed to the development and holistic growth of all our employees not just professionally, but as a person too. We are currently a family of 5500+ employees. Productivity in terms of per capita output, has improved significantly from Corporatization back in 2006 to now in 2023 despite the steady decline in workforce.

We at SPMCIL aim to foster an open and conducive environment where views and suggestions are welcomed from everyone. The HR objectives for SPMCIL are summarized as follows –

  • Strategic Alignment with Business Objectives – Employees are enabled in such a way that they can contribute in the various decision making forums irrespective of their level. All HR Policies are developed in alignment with the business objectives, SPMCIL’s mission and vision.
  • Team-work and mutual trust – A culture of team work is deeply ingrained in the culture of SPMCIL. We at SPMCIL recognize that “Teamwork makes the dream work”. Regular workshops and collaborative sessions are organized to promote mutual trust and team-work.
  • Continuous Learning and Development – Huge focus is placed on the development of employees, both professionally and spiritually. SPMCIL nominates its employees regularly to participate and learn from the various Management Development Programs conducted by premier institutes like IIMs, IITs, NPC, NITIE, AJNIFM etc, besides global exposure
  • Open channel for feedback - Feedback is taken from employees by conducting organizational climate surveys and employee satisfaction surveys. The purpose is to seek employee feedback on various systems to realize the scope of improvement.

Efficient recruitment along-with organized & structured induction practices are two important priorities for the SPMCIL Management. During most of the Executive recruitments, the logical,

quantitative and discipline specific knowledge is tested, though we are gradually bringing in the psychometric assessments to identify candidates culturally fit for the company. The company is actively hiring to promote young blood in the company, in view of the growing demand, and superannuation of existing workforce.

The onboarding process is comprehensively planned to include interactive sessions from all departments (including Technical, Legal, HR, IT, Civil, Vigilance and others). New employees are given exposure to various works of shop-floor through plant-visit.

Recently, in 2021, SPMCIL Mentorship Policy was also introduced and is being implemented to acclimatize a new incumbent better to the work environment. Check the HR Activities & Careers Section on Company’s website for latest updates around recruitment and onboarding activities.

Cordial industrial relations are maintained across the Company resulting into harmony and industrial peace.
With the objective to provide a common platform to the representatives of the workers/ staff, SPMCIL Apex Bipartite Forum was constituted. Moreover, SC/ST and OBC interaction meetings are also regularly held to promote industrial amity. Check the HR Activities Section on Company’s website for latest update on SPMCIL Bipartite Meeting.

  • TRAINING A· Training and Development of Employees in SPMCIL has emerged to play a pivotal role for Capacity Building and enhancing the Operational Efficiency. The primary objective of Training Programs is to impart knowledge and hone skills of our employees to adapt to the machines and modernization plan. The development of soft skills along-with managerial competencies of Executives and Supervisors also constitute an integral part of employees training. To gain exposure to new technology and to facilitate continuous learning, employees are frequently deputed to training programs and seminars from reputed institutes including International Conferences/Forums
  • SPMCIL has collaborated with various institutes such as IIT Roorkee, ISB Hyderabad, IIM Ahmedabad, IIM Bangalore, IIM Noida, AJNIFM, SHRM, CPPRI, ISTM, ESCI etc. for relevant learning programs from time-to-time. 
  • Further to promote global exposure, employees from various streams are nominated for international conferences/symposiums to stay updated with the latest technology and trends in the industry. ·
  • For employees keen on pursuing higher education and to meet the academic aspirations of employees in alignment with the needs of the organization, SPMCIL has a provision for Sabbatical/Study Leave and Company Sponsorships.

  • With the concerted efforts of HR and guidance of Top Management of SPMCIL, we established a new business unit – Centre for Business Strategy and Innovation, to act as future think-tank for capacity augmentation.
  • SPMCIL has partnered with a reputed consultant to facilitate Assessment and Development Centres at the Company. These are introduced to understand the training needs better and help our employees, especially those in critical role to develop. The assessments are comprehensive consisting of in-basket exercises, simulations, interviews and psychometric profiling of an individual. Development Centres help in charting of individual development plans using various tools, such as focused training, case studies and mentoring to help bridge the gap.

  • Annual Inter Units Sports Tournaments are conducted in various Units where all the nine Units alongwith Corporate Office participate with the objective to create goodwill amongst the employees and generate intrinsic values for the organisation.
  • SPMCIL celebrates Foundation Day on 10th February every year. On this day, awards and recognition is bestowed on the individual employees and to the Units for functional excellence. Reward and Recognition helps in encouraging the employees to continue excelling in their role, and promote performance culture in the Company.
  • Every year, the best performing Units are awarded with Running Shield in the following categories:
    (i) Environment & Safety
    (ii) Energy Conservation
    (iii)Productivity
    (iv) Training and Development
    (v) Rajbhasha
    (vi) Vigilance
  • There is an overall efficiency shield for best performing unit, named as “CMD Cup”.
  • Medical Camps are organized by the Company for the welfare of its employees every now and then – both at Corporate and at Unit Level.
  • International Yoga Day Celebrations - The CMD, SPMCIL highlighted the origin of word ‘Yoga’ and important developments of modern Yoga in her inaugural address during the yoga camp organized virtually on 21st June, 2021 on the occasion of 7th International Yoga Day.

At SPMCIL we have various policies to promote the interest of employees and their family. We have a well laid out Promotion Policy, comprehensive Recruitment Rules, Telephone Policy, Laptop Policy, SPMCIL Leave Policy, TA/DA rules, Medical Policy etc. Further, the employees here enjoy an attractive compensation package which includes cafeteria plan and Performance Related Pay (as applicable)

Development of human resources is essential for organization to become dynamic and growth-oriented. Human Resource Development (HRD) system aims at creating a dynamic and growth oriented climate in order to keep pace with fast changing environment.

  • There has been a constant focus on digitalization and modernization. The Company will continue to provide an environment conducive for learning, encouraging adoption of best practices in every area, nurturing creativity and innovation among employees.
  • Strategic alignment of HRM to business priorities has become the need of the hour. And this the Board of SPMCIL truly acknowledges. Thus there are concerted efforts on manpower planning and recruitment to facilitate adequate strength for taking on capacity expansion projects in line with the state-of-the-art technology
  • The HR of SPMCIL will continue to focus on employee welfare and enriching employee experiences through various socialization programs, employee policies and engagement activities.

कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन

आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन

• एक निगमित हस्ती के रूप में, एसपीएमसीआईएल में निष्पादन प्रेरित संस्कृति बनाने के लिए सतत् प्रयास चलते रहते हैं जिसमें सभी प्रणालियां कंपनी के सभी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होंगी ।
• संगठन में मानव संसाधन को विकसित करके तथा मानव परिसम्पत्तियों का अनुकूलतम उपयोग करके संगठन की क्षमता बढ़ाने के प्रयास निरंतर चलते रहते हैं तथा इसके लिए पहले से ही शुरुआत की जा चुकी है और यह कंपनी की बैलेंसशीट और निष्पादन से भी स्पष्ट है ।
• परिवर्तन का नेतृत्व मानव संसाधन शाखा के लिए एक विशाल कार्य और बड़ी चुनौती थी तथा निगम मानव संसाधन एसपीएमसीआईएल के कामकाज के हर स्तर पर संवेदनशीलता के साथ इस परिवर्तन प्रक्रिया की गति बढ़ाने के लिए एक प्रेरक शक्ति था ।
• निगमीकरण के बाद एसपीएमसीआईएल अल्प अवधि में एक सार्वजनिक उद्यम के रूप में काफी आगे बढ़ चुका है तथा एक निगमित हस्ती के रूप में कंपनी की सफलता की कहानी का उल्लेख अब कई व्यावसायिक मंचों पर किया जाता है ।

मानव संसाधन निदेर्श चिह्न परियोजना

• ''प्रज्ञान'' नामक ज्ञान मंच प्रतिभा तथा ज्ञान का मिश्रण है तथा इसे 31 जनवरी, 2013 से कम्पनी द्वारा जारी किया गया है जो सभी इकाइयों तथा निगम कार्यालय के कर्मचारियों पर लागू किया गया है। व्यक्तिगत प्रतिभा को कार्यशालाओं तथा संगोष्ठियों के माध्यम से उनके विचारों तथा सुझावों को साझा करने तथा उसका आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया है तथा सुअवसर दिया गया है जिससे मंच तथा प्रतिभागियों को अन्यत्र होने वाले समकालिन विकास कार्यक्रमों की अद्यतन जानकारी होगी।
कर्मचारी संतुष्टि सर्वे-2013
• कर्मचारी संतुष्टि सर्वे वर्ष 2012-13 मे संचालित किया गया तथा इसके लिए 5 बिन्दु लाइकर्टपैमाने पर एक ढांचागत प्रश्नावली को अपनाया गया। सभी नौ इकाइयों से 107 कर्मचारियों ने औचक सैम्पलों के माध्यम से इसमें भाग लिया जिनमें कार्यपालक, पर्यवेक्षक तथा कामगार शामिल थे। इस अध्ययन के विवरण से यह स्पष्ट हुआ कि सैम्पल के 80 प्रतिशत प्रतिभागी कम्पनी में संतुष्टि के स्तर को बहुत अधिक पसंद करते हैं।
कर्मचारी विनियोजन सर्वे-2014
• वर्तमान वर्ष 2014-15 के लिए कम्पनी ने कर्मचारी विनियोजन सर्वे की प्रक्रिया अपनाई है तथा एक ढाँचागत प्रश्नावली को डिजाइन किया गया तथा कर्मचारियों की प्रतिक्रियाओं के लिए इकाइयों को पहले ही प्रेषित किया गया। प्रश्नावली में (i) गर्व (ii) अंतर व्यैक्तिक संबंध (iii) संप्रेषण (iv) ज्ञान एवं विकास (v) पुरस्कार एवं मान्यता (vi) कार्य नियोजन(vii) कार्य परिवेश (viii) कार्य जीवन संतुलन। इसके आँकड़ों को एकत्रित करने का कार्य प्रगति में है जिसका विश्लेषण किया जाएगा तथा इस अध्ययन से प्राप्त परिणामों को मार्च 2015 तक कम्पनी में प्रदर्शित किया जाएगा।
• नौ इकाइयों में फैले अधिकारियों, पर्यवेक्षकों और श्रमिकों के बीच उत्तरदाताओं द्वारा संरचित प्रारूप में प्रदान किए गए इनपुट और विचारों के आधार पर अध्ययन के निष्कर्ष काफी उत्साहजनक थे। डेटा विश्लेषण से निकाले गए निष्कर्ष से पता चलता है कि SPMCIL कर्मचारी जुड़ाव में काफी उच्च स्तर पर पहुंच गया है क्योंकि अध्ययन से प्राप्त औसत सूचकांक 100 में से "83" है।

एसपीएमसीआईएल ने निगमीकरण की छोटी सी अवधि में लंबी यात्रा तय की है तथा व्यापक मा.सं. नीतियों तथा नियमों को सफलतापूर्वक तैयार किया है। इस कार्यान्वयन में सभी इकाईयों के प्रचालित मान्यता प्राप्त संघों से अधिकतम संभावित विचार-विमर्श करके प्रबंधन के अधिकारों से समझौता किए बिना यह मानव संसाधन के लिए बड़ी चुनौती थी। यह हमारा भरसक प्रयास रहा है कि एसपीएमसीआईएल ने निगम के तौर पर कंपनी में समान नीति एवं नियम लागू हों। इनमें से निम्नलिखित उल्लेखनीय हैं:

कार्मिक विशेष नीति

• भर्ती नियमावली
• निष्पादन प्रबंधन प्रणाली
• कार्यपालकों की पदोन्नति
• गैर कार्यपालकों की पदोन्नति नीति (विचार-विमर्श के अधीन)
• क्रमानुसार स्‍थानातंरण दिशा-निर्देश
• प्रशिक्षण एवं विकास
• पदारोहन नीति

प्रतिपूर्ति एवं हितलाभ

• वेतनमान
• महंगाई भत्ता
• मकान किराया भत्ता
• रात्रि कार्य भत्ता
• विशेष भत्ता
• समयोपरि भत्ता
• प्रोत्साहन योजना
• निष्पादन संबंधी वेतन

भत्ते एवं सुविधाएं

• कैफेटेरिया योजना
• यातायात भत्ता
• बाल शिक्षा भत्ता
• छुटटी यात्रा रियायत
• दूरभाष नीति
• एसपीएमसीआईएल यात्रा भत्ता/महंगाई भत्ता, 2010
• एसपीएमसीआईएल छुटटी नियमावली-2012
• गृह आबंटन नियमावली -2013 (अधिसूचित की जानी है)

ऋण एवं अग्रिम

• गृह निर्माण अग्रिम
• मोटर वाहन अग्रिम
• कम्प्यूटर अग्रिम
• त्यौहार अग्रिम

औद्योगिक संबंध

• एसपीएमसीआईएल शीर्ष द्विपक्षीय मंच
• इकाई विशेष परामर्श
• शिकायत निवारण प्रणाली
• एससी/एसटी कर्मचारियों से बातचीत
• सहभागी प्रबंधन
i. कार्य समिति
ii. गुणवत्ता क्रम

आचरण एवं अनुशासन

• अनुशासन के सामान्य सिद्धांत
• एसपीएमसीआईएल आचरण, अनुशासन एवं अपील नियमावली-2010

सांविधिक अनुपालन

• फैक्ट्री अधिनियम
• अनुबंध श्रम अधिनियम
• ईएसआई अधिनियम
• कर्मचारी प्रतिपूर्ति अधिनियम
• औद्योगिक विवाद अधिनियम
• सूचना अधिकार अधिनियम

सामाजिक सुरक्षा

• एसपीएमसीआईएल न्यास
i. कभनि न्यास, 1952
ii. साभनि न्यास, 1925
iii. 37 ए के अंतर्गत पेंशन न्यास
• एलआईसी बीमा कवरेज
• ईपीएस 1995 के अंतर्गत पेंशन
• ग्रेच्युटी का भुगतान
• एसपीएमसीआईएल कर्मचारी कल्याण निधि (अधिसूचित की जानी है)

कल्याणकारी उपाय

• एसपीएमसीआईएल चिकित्सा नीति-2012
• अनुकंपा नियुक्ति के स्थान पर एक मुश्त मुआवजा भुगतान योजना
• एसपीएमसीआईएल अनुकंपा नियुक्ति योजना-2012
• एसपीएमसीआईएल कर्मचारी सुझाव योजना-2012
• छोटे परिवार के मानदंड
• उच्‍च शिक्षा प्राप्ति योजना

कर्मचारियों से संपर्क

• सलाह एवं प्रशिक्षण
• खेल गतिविधियां
• सांस्कृतिक कार्यक्रम
• वार्षिक दिवस महोत्सव

मा.सं. बैंच मार्किंग परियोजना

• प्रज्ञान (प्रतिभा ज्ञान)

  • • एक समय था जब एक इकाई के कर्मचारियों को किसी अन्य इकाई को देखने और अपने समकक्ष कर्मियों और पर्यवेक्षकों के साथ मिलने-जुलने का शायद ही कोई अवसर मिलता था । आज निगमीकरण के बाद, न केवल इकाई प्रबंधन की ओर से बल्कि शीर्ष स्तर पर निगम कार्यालय प्रबंधन द्वारा भी, कर्मचारियों के साथ जुड़ना एक सतत् प्रक्रिया बन गई है ।
  • • विभिन्न इकाइयों में खेल-कूद प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जाती हैं जिसमें निगम कार्यालय और सभी नौ इकाइयाँ भाग लेती हैं तथा इनका उद्देश्य कर्मचारियों के बीच सद् भावना पैदा करना और संगठन के लिए आंतरिक नैतिक-मूल्य पैदा करना है ।
  • • कंपनी ने उस समय से कार्यात्मक उत्कृष्टता के लिए व्यक्तिगत कर्मचारियों और इकाइयों के लिए पुरस्कार प्रारंभ कर दिए हैं ।
  • • सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली इकाइयों को निम्नलिखित वर्गों में चल-वैजयंती प्रदान की जाती है : (i) पर्यावरण एवं सुरक्षा (ii) ऊर्जा संरक्षण (iii) उत्पादकता (iv) प्रशिक्षण एवं विकास (v) राजभाषा (vi) सतर्कता।
  • • दिनांक 31 मार्च, 2012 को भारत सरकार टकसाल, कोलकाता की हीरक जयंती उत्सव एसपीएमसीआईएल के लिए गर्व का क्षण था । माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री और अन्य राजकीय स्तर के मंत्रियों ने उपस्थित होकर इस स्मरणोत्सव की शोभा बढ़ाई ।
  • • वर्ष 2013-14 के दौरान, जनवरी 2013 में बैंक नोट मुद्रणालय, देवास में आयोजित की गई अंतर-इकाई बैडमिंटन प्रतियोगिता, जिसमें निगम कार्यालय और नौ इकाइयों की दस टीमों ने हिस्सा लिया था, में खेल-कूद प्रतिस्पर्धाओं का उत्साह दर्शनीय था ।
  • • एसपीएमसीआईएल ने 10 फरवरी, 2014 को मीडिया सेंटर, नई दिल्‍ली में अपना स्थापना दिवस मनाया, जहाँ मुख्‍य अतिथि के रुप में माननीय वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री नमो नारायण मीना जी ने कर्मचारियों को संबोधित किया जो सबके लिए प्रेरणादायक था ।
  • कर्मचारियों के साथ जुड़ने की प्रथाओं को आगे बढ़ाते हुए संगठन में आंतरिक मूल्यों का निर्माण करने के लिए दिसंबर'14 में नासिक में एक इंटर यूनिट फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित किया गया था, जिसमें यूनिटों और कॉर्पोरेट कार्यालय की सभी दस टीमों ने भाग लिया था। एसपीएम, होशंगाबाद आईजीएम, कोलकाता को हराकर चैंपियन बना।
  • प्रबंधन टीम और कर्मचारी संघों के बीच शीर्ष स्तर के द्विदलीय प्रतिनिधि के बीच प्रदर्शनी फुटबॉल मैच ने संगठन के लिए बहुत अच्छा बनाया, जहां मंच के अध्यक्ष निदेशक (एचआर) ने भी खेला, एक के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत था। और सभी।

• एक निगमित अस्तित्व के रूप में एसपीएमसीआईएल में कर्मचारियों के प्रशिक्षण एवं पुनर्प्रशिक्षण से क्षमता वर्द्धन करना एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता थी। कार्यपालकों, पर्यवेक्षकों तथा कामगारों को मूल कार्यक्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए उपलब्ध मशीनों पर अच्छी प्रकार से कार्य कर सके। कार्यपालकों तथा पर्यवेक्षकों के पारस्परिक कौशल का विकास भी कर्मचारियों के प्रशिक्षण का एक अभिन्न हिस्सा है।

• निगमीकरण के बाद निगम कार्यालय ने इकाइयों को मार्च 2008 में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर एक रणनीतिक शुरुआत की थी जिसमें प्रशिक्षण की आवश्यकताओं को चिह्नित करने तथा इकाइयों में विशेषकर पर्यवेक्षकों तथा कामगारों के लिए उपलब्ध आंतरिक क्षमताओं के द्वारा वार्षिक प्रशिक्षण योजना के लिए आधारभूत मानदंड तैयार किए गए थे।

• फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान को प्रारंभ में एसपीएमसीआईएल के कार्यपालकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के रूप में चिह्नित किया गया। वर्ष 2009-10 में 32 कार्यपालकों को प्रशिक्षण दिया गया। वर्ष 2010-11 के दौरान 97 कार्यपालकों को प्रशिक्षण दिया गया। वर्ष 2011-12 के दौरान एनआईएफएम, फरीदाबाद परिसर में 84 कार्यपालकों को छ: दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। एनआईएफएम द्वारा कक्षाओं में संचालित कार्यपालक विकास कार्यक्रम (ईडीपी) केविभिन्न कार्यक्षेत्रों के सैद्धांतिक पहलूओं का व्यापक प्रशिक्षण दिया गया जिनमें प्रचालन तथा तकनीकी, सामग्री प्रबंधन, बिक्री एवं विपणन, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त तथा मानव संसाधन शामिल हैं।

• कंपनी के सभी पर्यवेक्षकों को विविध प्रकार के प्रचालानात्मक कार्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करनेएवं उन्हें विकसित करने तथा कार्यस्थल पर कामगारों के साथ आपसी सामंजस्य कायम करने के लिए बुनियादी ढाँचा उपलब्ध होने के कारणचेरलापल्ली स्थित हैदराबाद टकसाल को कु्छ समय के लिए प्रशिक्षण केन्द्र बनाया गया है।

• एसपीएमसीआईएल की इकाइयाँ शॉप फ्लोर तथा संयंत्र स्तर पर कार्य कर रहे औद्योगिक कामगारों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं और कौशल में कमियों का पता लगाती हैं।तदनुसार इकाइयाँ संरक्षा प्रशिक्षण सहित प्रशिक्षण योजनातथामाड्यूल तैयार करती हैं जिसमें बाहरी स्रोतों से कार्मिकों को नियोजित करसंगठन में आंतरिक व्यवस्था की जाती है।

• इस प्रक्रिया में इकाइयों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009-10 में 732 पर्यवेक्षकों और 6087 कामगारों को प्रशिक्षण दिया गया,वर्ष 2010-11 में 654 पर्यवेक्षकोंऔर 1418कामगारोंको प्रशिक्षण दिया गया, 2011-12 में 517पर्यवेक्षकों और 1278कामगारोंको प्रशिक्षण दिया गया, 2012-13 में 411पर्यवेक्षकों और 1289कामगारोंको प्रशिक्षण दिया गया तथा वर्ष 2013-14 में 487 पर्यवेक्षकों तथा 1372 कामगारों को प्रशिक्षण दिया गया।

• वर्ष 2011-12 के दौरान संचालित एसपीएमसीआईएल प्रशिक्षण कार्यक्रम का मैसर्स केपीएमजी द्वारा मूल्यांकन किया गया तथा केपीएमजी की रिपोर्ट से यह स्पष्ट था कि एसपीएमसीआईएल की नौ इकाइयों तथा निगम कार्यालय में कर्मचारियों के प्रशिक्षण एवं विकास के द्वारा कर्मचारियों में व्यापक संतोष कायम किया है तथा इसेएक प्रेरणात्मक स्रोत माना गया।

• वर्ष 2012-13 के दौरान एसएपी में प्रशिक्षण कम्पनी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था जब एसएपी कौशल में 258 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।

• During 2013-14, 29 Nos of Executives participated in 5 ½ days “Leadership development & Team Management Programme” at Industrial Engineering (NITIE), Mumbai, which was customized for Executives of SPMCIL. 25 Nos of Executives were trained on the theme of “ Preventive Maintenance” at IGM-Hyderabad for which Andhra Pradesh Productivity Council was identified as an Expert agency to impart the training. 18 Nos of Executives participated in a customized training programme organized by Institute of Public Enterprise, Hyderabad on “Enterprise Risk Management and Mitigating Risk”.

• वर्ष 2013-14 के समझौता ज्ञापन की प्रतिबद्धताओं के अनुसार 10 बिन्दु पैमाने पर कार्यक्रम प्रशिक्षण उपयोगिता सूचकांक इस प्रकार रहा (i) नेतृत्व विकास तथा टीम प्रबंधन (ii) निवारक रख-रखाव (iii) नई प्रौद्योगिकी का विकास तथा (iv) जोखिम प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया गया तथा इसे 7 से 10 तक श्रेणी दी गई। जिसके परिणामस्वरूप प्रशिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट समझौता ज्ञापन श्रेणी प्राप्त हुई।

• कंपनी द्वारा दिनांक 16.3.2010 को ‘’एसपीएमसीआईएल शीर्ष द्विपक्षीय मंच-2010 के नाम से एक पूर्ण विकसित मशीनरी के निर्माण को अधिसूचित किया गया है। इस मंच में संबंधित इकाई के मान्यता प्राप्त संघों से परामर्श करके कामगारों तथा स्टाफ की ओर से प्रतिनिधियों का चयन/नामांकन किया गया है। निदेशक (मा.सं.) इस मंच के अध्यक्ष हैं तथा इकाईयों के महाप्रबंधक प्रबंधन की ओर से सदस्य हैं।

• एसपीएमसीआईएल द्विपक्षीय मंच की प्रथम बैठक का दिनांक 26 अगस्‍त, 2010 को नासिक में आयोजन किया गया जो एसपीएमसीआईएल के निगमित जीवन में नए युग की शुरूआत थी जहां नौ इकाईयों के कामगारों, स्टाफ तथा संघ प्रतिनिधियों ने अध्‍यक्ष तथा प्रबंध निदेशक, निदेशकों तथा महाप्रबंधकों के साथ एक सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई तथा इस बैठक ने संगठन के बेहतर भविष्य के लिए संघों तथा कर्मचारी प्रतिनिधियों के साथ सर्वोच्च परामर्शी मंच में प्रभावी विचार-विमर्श करने का रास्ता निर्धारित किया है।

• मंच का उद्देश्य कामगारों, कर्मचारी सदस्यों तथा संघ पदधारियों को कंपनी के शीर्ष प्रबंधन के साथ बातचीत के लिए एक सांझा मंच प्रदान करना है। यह मंच कई इकाईयों तथा संपूर्ण कंपनी के कर्मचारियों से संबंधित मामलों में चर्चा तथा विचार-विमर्श की सुविधा उपलब्ध कराता है। इकाई विशेष मामले संबंधित इकाई को ही निपटाने के लिए प्राधिकृत किए गए हैं।

• निगमीकरण के पश्चात इस संबंध में अधिसूचित नीति तथा निर्धारित उद्देश्यों के अनुसार आज त‍क शीर्ष द्विपक्षीय मंच की नौ बैठके सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं। यह मंच धीरे-धीरे सयुंक्त विचार-विमर्श के माध्यम से कंपनी को उन्नत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

1. कंपनी के व्यवसाय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उपलब्ध मानव संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना।
2. कार्यस्थल पर कर्मचारियों की आत्म दक्षता में वृद्धि करने के लिए उनके लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना।
3. कुशलता निपुण कर्मचारियों की व्‍यक्तिगत उन्नति तथा कैरियर में प्रगति को प्राथमिकता प्रदान करना।
4. कर्मचारियों को औचित्यपूर्ण तथा पर्याप्त पारिश्रमिक तथा हितलाभों की प्रतिपूर्ति करना।
5. कार्यस्थल पर शांति एवं सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए संघों के साथ मधुर तथा मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करना।
6. विविध खेलकूद गतिविधियों तथा कल्याणकारी उपायों द्वारा प्रेरणा के स्तर तथा उच्च मनोबल को बनाए रखना।
7. कर्मचारियों की ईमानदारी तथा अनुशासन के साथ समझौता नही।
8. कंपनी के प्रति अपनेपन की भावना तैयार करने के लिए कार्य प्रकृति एवं संस्कृति को मन में धारण करना।
9. निष्पादन चालित संस्कृति का निर्माण करना जिसमें जिम्मेदारी सर्वोपरि रहेगी।
10. कंपनी के प्रति अपनेपन की भावना पैदा करने के लिए कार्य लोकाचार और संस्कृति को आत्मसात करें
11. मानव संसाधन की नई प्रथाओं को अपनाने के लिए उत्कृष्टता प्राप्त करना।

  • Since Corporatization (Number Declining)
  • Unit-Wise Strength Of Employees
  • Executives/Supervisors/Workmen Of Spmcil
  • Performance And Output (Volumes Going Up)
  • Sales Turnover Has Become Double
  • Profit After Tax Per Employee

  • As Corporatised Entity
  • Govt. Employees On Deemed Deputation
  • Landmark Settlement
  • En-Masse Transfer
  • Mission Accomplished

स्वतंत्र बाहरी मॉनिटर्स

1. श्री अनिल कुमार, आईएएस (सेवानिवृत्त) ईमेल: anilsec1953@gmail.com

2. सुश्री निर्मल कौर, आईपीएस (सेवानिवृत्त)
ईमेल: nirmalkaur1983@gmail.com

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