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चलार्थ पत्र (करेंसी नोट)

एसपीएमसीआईएल इकाइयों ने भारत के साथ-साथ विदेशों के लिए मुद्रा मुद्रण में 75 वर्षों के अनुभव के साथ, बाजार में अपने लिए एक नई जगह बनाई है।

हमारी चलार्थ पत्र मुद्रणालय (सीएनपी) अत्याधुनिक पूर्ण-मुद्रण और ऑफसेट सुविधाओं, इंटाग्लियो प्रिंटिंग मशीनों, नंबरिंग और फिनिशिंग मशीनों और पोस्ट-प्रिंटिंग प्रक्रियाओं से सुसज्जित है। बैंक नोट मुद्रणालय एसपीएमसीआईएल की एक और ऐसी तकनीकी रूप से समृद्ध इकाई है जिसमें डिजाइनिंग, उत्कीर्णन, अप-टू-डेट पूर्ण प्री-प्रिंटिंग और ऑफसेट सुविधाएं, इंटाग्लियो प्रिंटिंग मशीन, नंबरिंग और फिनिशिंग मशीन आदि उपलब्ध हैं। यह इकाई एक अग्रणी प्रतिभूति स्याही निर्माता भी है।

दोनों चलार्थ पत्र मुद्रणालयों इकाइयों में प्रतिभूति मदों की कड़े/आवश्यक सुरक्षा प्रणाली के लिए विश्वसनीय और सरल सुरक्षा लेखांकन उपलब्ध है एवं इसके साथ ही एक ऐसा सुरक्षा विभाग है जो पारगमन की सुरक्षा हेतु पूर्ण सुनिश्चितता रखता हैं। हमारी इकाइयों के पास खजाने/राजकोष की ढुलाई के लिए सुरक्षित रेलवे ट्रेजरी वेगन/गाडियाँ भी उपलब्ध है। भारतीय बाजार के लिए हमारे उत्पादों की श्रेणी इस प्रकार है:-

हम विभिन्न प्रकार की नवीनतम प्रतिभूति सुविधाओं, जैसे: प्रत्यक्ष और गुप्त सुविधाएँ, ऑप्टिकल सुविधाएँ, स्याही, डिज़ाइन और सुरक्षा धागे, कागज हेतु फोरेंसिक सुविधाएँ, आदि को सम्मिलित करते हैं।

उत्पादित मुद्रा के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारे उत्पाद अनुभाग देखें। सीएनपी, नासिक और बीएनपी, देवास.

सिक्के

मुद्रा निर्माण में दो से अधिक शताब्दियों की उत्कृष्टता

हम विश्वास और परिमाण के निर्माता है
मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा स्थित भारत सरकार के टकसालों में मुद्रा निर्माण में उत्कृष्ट अनुभव है और गुणवत्ता युक्त मुद्रा संबंधित उत्पादों की समृद्ध विरासत है। भारत सरकार की टकसालें तैयार उत्पादों के नियोजन से लेकर - टकसाल प्रक्रिया के हर चरण को सम्मिलित करने वाली व्यापक सेवाएँ प्रदान करती हैं। उन्नत प्रौद्योगिकी, नवाचार, गुणवत्ता और विश्वसनीय वितरण विधियों का उपयोग हमारे टकसालों की प्रमुख ताकत हैं।

मुद्रा निर्माण से परिमाण का सृजन
उत्पाद के विकास में और गुणवत्ता के विश्वास के साथ, भारत सरकार की टकसालें वैश्विक प्रयोगशाला के मानकों का सख्ती से पालन करते हैं। भारत सरकार की टकसालों में निर्मित परिचालन सिक्के आईएसओ प्रमाणित गुणवत्ता प्रबंधन मानकों के अनुरूप है। त्रुटिहीनता को प्राथमिकता दी जाती हैं क्योंकि टकसालों में मौजूद गुणवत्ता आश्वशन विभाग आधुनिक "परख" प्रयगोशालाओं से सुसज्जित है इसके साथ हि विशिष्ट परख/जांच तकनीक भी उपलब्ध है जिससे उत्पादों के उत्पादन में उत्कृष्टता प्राप्त होती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय जगत में पहचान प्राप्त करना
भारत सरकार की टकसालें मिंट डायरेक्टर्स कॉन्फ्रेंस के स्थायी सदस्य है। टकसालों ने पूर्व में ग्रीस, श्री लंका, पूर्वी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, भूटान, इराक, सऊदी अरब, मलेशिया, ओमान जैसे देशों के लिए सिक्कों का निर्माण किया है तथा वर्तमान समय में यह थाईलैंड और डोमिनिकन गणराज्य के लिए भी सिक्कों का निर्माण कर रही है।

परिसंचरण सिक्के
एसपीएमसीआईएल में परिचालन सिक्कों के निर्माण में सदियों पुरानी उत्कीर्ण कला और मुद्रण प्रक्रिया के साथ अत्याधुनिक औद्योगिक प्रक्रिया जिसमें विश्व स्तरीय तकनीक, सामग्री प्रबंधन, पता लगाने की क्षमता, उत्कृष्ट गुणवत्ता एवं प्रतिभूति विशेषताओं वाले सिक्कों के निर्माण का सदजीवन भी है।
भारत सरकार द्वारा आज तक प्रचलन में जारी सिक्कों के विभिन्न डिजाइन

स्मारक/कलेक्टर के सिक्के
स्मारक सिक्कें/संग्रही सिक्कें किसी के लिए भी एक बेशकीमती संग्रह है। और टकसालों द्वारा निर्मित इन विशिष्ट सिक्कों की विभिन्न श्रेणी के निर्माण का कारण पिछली उपलब्धियां है जहां निपुणता, विशिष्टता/उत्कृष्टता एवं शिष्टता जैसे सूचक शब्दों को ध्यान में रखा जाता हैं। इन स्मारक सिक्कों का निर्माण प्रूफ और अपरिचालित सिक्कों के रूप में होता हैं।

उत्पादित सिक्कों के संबंध में अधिक जानकारी हेतु कृपया हमारें मुंबई, कोलकाता, नोएडा एवं हैदराबाद स्थित भारत सरकार की टकसालों के उत्पाद अनुभाग को देखें। Mumbai, Kolkata, Noida और Hyderabad.

प्रतिभूति उत्पाद

बहुमूल्य दस्तावेजों की शुचिता का ध्यान
80वर्षों से अधिक अनुभव के साथ, एसपीएमसीआईएल के प्रतिभूति मुद्रण मुद्रणालय विशिष्ट तकनीक तथा प्रतिभूति उत्पादों के निर्माण में सुरक्षित परिचालन प्रक्रियाओं एवं निर्माण प्रोटोकॉल के अंतर्गत विभिन्न मुद्रण प्रक्रियाओं का सहारा लेते हैं। प्रतिभूति मुद्रण हेतु प्रक्रियाओं में ऑफसेट, फोटोग्रेवयूर एवं प्रिंटिंग (मुद्रण) मशीने शामिल हैं।

प्रतिभूति उत्पादों की विस्तृत श्रेणी
भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नाशिक के समक्ष विशिष्ट मुद्रण कौशलता उपलब्ध है एवं इसके साथी हि स्मारक डाक टिकटों के उत्पादन में भी विशेषज्ञता है। विशेष गुणवत्ता के उत्पादों के निर्माण के लिए यहाँ ऑटोमैटिक पासपोर्ट बूकलेट मैनुफेक्चुरिंग सिस्टम, विश्व स्तरीय गिलोटिन (कागज़ काटने वाली) मशीने, परफ़ोरेटिंग मशिने एवं आधुनिक चेक प्रिंटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता हैं।

प्रतिभूति मुद्रण मुद्रणालय, हैदराबाद आधुनिक प्री-प्रेस प्लेट मेकिंग सिस्टम तथा पोस्ट प्रिंटिंग तकनीक के साथ परफ़ोरेशन के लिए प्रोसेसिंग सुविधा, नम्बरिंग, यू.वी. मुद्रण (प्रिंटिंग) तकनीक, ऑनलाइन एनवलप निर्माण (मेकिंग), अंतर्देशीय पत्र, ऐरोग्राम (हवाई पत्र), डाक संबंधी स्टेशनरी से सुसज्जित है।

निर्मित प्रतिभूति उत्पादों में निम्नलिखित शामिल है:-

डाक संबंधी वस्तु
(पोस्ट कार्ड, लिफाफे (एनवलप), अंतर्देशीय पत्र कार्ड, पोस्टल ऑर्डर आदि)
गैर न्यायिक स्टाम्प पेपरडाक टिकट
(सार्वजनिक और स्मारक)
विविध
(आबकारी लेबल, प्रमाण पत्र, राजस्व टिकट, आईडी कार्ड, सुरक्षा मुहर आदि)
पासपोर्ट
(ई-पासपोर्ट और वीजा)
एमआईसीआर और नॉन एमआईसीआर चेक

उत्पादित मुद्रा के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारे उत्पाद अनुभाग देखें। आईएसपी नासिक और एसपीपी हैदराबाद.

पदक, डब्ल्यू एंड एम, बुलियन

पदक
भारत सरकार की टकसालों की गतिविधियां केवल सिककें ढालने तक हि सीमित नहीं है। पदक तथा निवेश सिक्कें भी इसके संचालन क्षेत्र में शामिल है। कोलकाता में स्थित भारत सरकार टकसाल में एक विशिष्ट/समर्पित पदक विभाग है जहां केंद्र सरकार जिसमें (गृह मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय) भी शामिल है, इसके साथ विभिन्न विश्वविद्यालयों, विद्यालयों, कॉलेजों, विभिन्न मंदिरों, न्यासों तथा विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं हेतु पदक निर्माण का कार्य भी किया जाता हैं। कोलकाता टकसाल द्वारा भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण, परम वीर चक्र तथा वीर चक्र जैसे प्रतिष्ठित पदकों का भी निर्माण किया जाता हैं।

वजन और माप
मुंबई स्थित भारत सरकार टकसाल, घन, लंबाई एवं घनफल के संधर्भ, सहायक तथा प्रचालन के मानक के निर्माण करने हेतु एक अधिकृत संस्था है जहां मानकों के सही सामग्री की प्रमाणिकता की पुष्टि राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के द्वारा की जाती हैं। भारत सरकार टकसाल क्षमता मापने के लिए भी घन, लंबाई एवं घनफल के संधर्भ, सहायक तथा प्रचालन के मानकों का निर्माण करती हैं।

बुलियन
भारत सरकार की टकसालों ने डिजाइन में उत्कृष्टता, बहुमूल्य धातुओं के सिक्के निर्माण एवं सबसे महत्तवपूर्ण अपने शिल्पकारिता से संबन्धित लंबी परंपरा के कारण सिक्का निर्माण के क्षेत्र में एक अलग/विशिष्ट जगह बनाई है। भारत सरकार की टकसालों में स्थित परख विभाग भारत की कुछ ही प्रयोगशालायें है जो भारतीय एवं किसी अन्य अंतर्राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से सोने एवं चाँदी के जांच के लिए सुविधाएं उपलब्ध करती है। भारत सरकार की टकसालें विभिन्न मंदिरों, धार्मिक स्थानो, न्यासों में दान किए गए बहुमूल्य धातुओं के परिष्करण एवं इन्हे सिक्कों के रूप में ढालने में भी अग्रणी है। 10ग्राम, 50 ग्राम, 100ग्राम एवं 1000 ग्राम(995.0 की शुद्धता के साथ) वजन के सोने के मानकों (स्वर्ण-मान) का भी निर्माण यहाँ किया जाता हैं। भारत सरकार सरकार टकसाल 12.44 किलो ग्राम वजन के सोने के इनगट (शिलिका) का भी निर्माण करता हैं जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा राष्ट्रीय गोल्ड रिज़र्व के रूप में रखा जाता हैं।

पदकों से संबन्धित अधिक जानकारी के लिए कृपया उत्पाद अनुभाग देखें। आईजीएम कोलकाता , IGM Mumbai.
वजन और माप से संबन्धित अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारे उत्पाद अनुभाग देखें। IGM Mumbai.
बुलियन से संबन्धित अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारे उत्पाद अनुभाग देखें। आईजीएम मुंबई.

प्रतिभूति कागज़

प्रतिभूति कागज कारखाना, नर्मदापुरम् वर्ष 1967 से भारत में प्रतिभूति कागज़ के निर्माण में अग्रणी रहा है, यहाँ आधुनिक तकनीक एवं व्यावसायिक ज्ञान की मदद से विभिन्न प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष विशेषताओं के साथ सिलिन्डर मोल्ड वाटरमार्क प्रतिभूति कागज़ का निर्माण किया जाता हैं।

फ्लूअरेसन्स(प्रकाश) फाइबर, मल्टी-टोनल तीन आयामी वॉटरमार्क, इलेक्ट्रोटाइप वॉटरमार्क, विभिन्न प्रकार के सुरक्षा धागे, स्पर्शरेखा, आदि को विभिन्न/अनेक प्रतिभूति उत्पादों में समाविष्ट किया जाता हैं। निर्माण के दौरान पर्यावरण अनुकूल प्रक्रिया तथा ऊर्जा संरक्षण के कदमों को भी पूर्ण महत्व दिया जाता हैं।

प्रतिभूति कागज़ से संबन्धित अधिक जानकारी हेतु कृपया हमारे उत्पाद अनुभाग देखें। एसपीएम नर्मदापुरम

स्याही

मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित स्याही कारख़ाना, बैंक नोट मुद्रणालय, देवास; चलार्थ पत्र (करेंसी नोटों) मुद्रणालय के मुद्रण तथा प्रतिभूति स्याही के निर्माण में कार्यरत है। यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के पूर्ण स्वामित्वधीन वाली एक सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम, भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल के अधीन एक इकाई है। स्याही कारखाने की स्थापना वर्ष 1974 में की गई थी। प्रारंभ में यहाँ के मुख्य उत्पादों में ड्राई ऑफसेट स्याही, लेटरप्रेस और ग्रेवयूर स्याही आदि शामिल थे। समय के साथ कारखाने के वैज्ञानिकों ने अपने अथक प्रयासों से विभिन्न प्रतिभूति उत्पादों में प्रयोग होने वाली विभिन्न प्रकार की स्याही को विकसित किया है।

पासपोर्ट, वीज़ा, डाक टिकटों, डाक संबंधी स्टेशनरी, बैंक दस्तावेजों, प्रमाण-पत्रों आदि के लिए स्याही का निर्माण स्याही कारखाने में किया जाता हैं जिसकी आपूर्ति विभिन्न प्रतिभूति मुद्रणालयों जैसे भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, चलार्थ पत्र मुद्रणालय एवं प्रतिभूति मुद्रण मुद्रणालयों में की जाती हैं। स्याही कारखाने की कुछ महत्तव्पूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख करे तो सभी स्याहियों के निर्माण हेतु आंतरिक विकास, स्याही, नंबरिंग स्याही, अदृश्य स्याही, द्विध्रुवीय(बाई फ्लूअरेसन्ट) स्याही, अवरक्त संवेदनशील स्याही, पारंपरिक इंटाग्लियो स्याही और सबसे महत्वपूर्ण क्विकसेट इंटाग्लियो स्याही है।

पूर्व में बैंक नोट मुद्रणालय, देवास एवं इसके साथ हि अन्य करेंसी/चलार्थ पत्र मुद्रणालयों में क्विकसेट इंटाग्लियो स्याही की आपूर्ति विदेश से की जाती थी। वर्ष 2006 में स्याही कारखानें ने क्विकसेट इंटाग्लियो स्याही को आंतरिक रूप से विकसित करने के लिए चुनौती को स्वीकार किया। कारखाने के वैज्ञानिकों के द्वारा विभिन्न अनुसंधान एवं विकास से संबन्धित प्रयास किए गए। वर्ष 2009-10 में स्याही का व्यावसायिक तौर पर उत्पादन किया गया।

प्रारंभ में स्याही कारखाने की स्थापना 240 मेट्रिक टन विभिन्न स्याहियों के निर्माण के लिए की गई थी। बैंक नोटों की बढ़ती मांग को देखते हुए स्याही कारखाने के समांतर विस्तार की आवश्यकताओं को पहचाना गया एवं एसपीएमसीआईएल निगम मुख्यालय तथा वित्त मंत्रालय ने नई स्याही कारखाने के निर्माण एव 1500 मेट्रिक टन विभिन्न स्याहियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई मशीनों एवं अन्य सहायक उपस्करों के संबंध में निर्णय लिया गया। स्याही कारख़ाना बैंक नोट मुद्रणालय, चलार्थ पत्र मुद्रणालय, भारत प्रतिभूति मुद्रणालय तथा प्रतिभूति मुद्रण मुद्रणालय को उनकी कुल मांग के हिसाब से ओवीआई/सीएसआई स्याही के अलावा सभी स्याहियों की आपूर्ति की जाती हैं। स्याही के अतिरिक्त उत्पादन को बीआरबीएनएमपीएल के मैसूर और शालबनी स्थित मुद्रणालयों में नियमित रूप से भेजा जाता हैं। एक बार पुराने संयंत्र एवं मशीनों के नए संयंत्र में सम्मिलित होने के पश्चात तथा इसके पूर्ण रूप से प्रचालन के उपरांत स्याही कारखाने के उत्पादन की क्षमता 1500 मेट्रिक टन प्रतिवर्ष तक बढ़ जाएगी।