वेबसाइट अंतिम अद्यतन तिथि:
Slide
Slide
Slide
Slide
Slide
PlayPause
previous arrow
next arrow

हमारे स्मारक सिक्के

स्मारक सिक्के

स्मारिका सिक्के

सोना और चांदी

एस.पी.एम.सी.आई.एल
निविदाएं

समाचार
अपडेट

एसपीएमसीआईएल को रिश्वत रोधी प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन (आईएसओ 37001:2016) से सम्मानित किया गया

एसपीएमसीआईएल का नया कॉर्पोरेट कार्यालय वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, नौरोजी नगर, नई दिल्ली में

नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति, दिल्‍ली (उपक्रम-2) के तत्‍वावधान में दो दिवसीय राजभाषा उत्‍सव का आयोजन

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (SPMCIL) के 19वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन

नव वर्ष 2024 के अवसर पर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का संदेश।

एसपीएमसीआईएल अंतर इकाई राजभाषा सम्‍मेलन- 2023-24

एसपीएमसीआईएल निगम कार्यालय में स्‍वास्‍थ्‍य जांच शिविर

माननीय रक्षा मंत्री द्वारा सीएमडी, एसपीएमसीआईएल को सीएसआर पहल के लिए सम्मानित किया गया।

भारत सरकार के स्वच्छता ही सेवा 2023 अभियान 3.0 के तहत...

श्री विजय रंजन सिंह ने दिनांक 27.09.2023 से पांच वर्ष की अवधि के लिए एसपीएमसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया है।

स्मारक सिक्के और
पदक

प्रेस

चलार्थ पत्र मुद्रणालय, नासिक

बैंक नोट प्रेस, देवास

प्रतिभूति मुद्रणालय, हैदराबाद

प्रतिभूति कागज कारखाना, नर्मदापुरम

भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नासिक

टकसाल

भारत सरकार टकसाल, मुंबई

भारत सरकार टकसाल, कोलकाता

भारत सरकार टकसाल, हैदराबाद

भारत सरकार टकसाल, नोएडा

फोटो गैलरी

मीडिया

 

S.N

Product Type

Shortlisted designs

1

Inauguration frame

Medha Pradeep – National Institute of Design, Ahmedabad

2

Acrylic stands

Pruthu Chitre – National Institute of Design, Ahmedabad

3

Folder packing

Raina Sahu – Apeejay Institute Design, Delhi

4

Box packing

Aditya Bhatnagar – National Institute of Fashion Technology, Raebareli

[WL_TWITTER]

हमारी विरासत

भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निमार्ण निगम लिमिटेड, हांलाकि एक नया निकाय है, पंरतु जिन इकाइयों के मिलन से इसका उदय हुआ है उनका उदय इस देश में प्रतिभूति मुद्रण और टकसाल के क्षेत्र में एक लंबा और समृद्ध इतिहास रहा है।

18वीं शताब्‍दी- कोलकाता टकसाल में सिक्‍कों की ढलाई आरंभ हुई। सन 1790 में इंग्‍लैंड से आधुनिक मशीन मंगाई गई। इन टकसालों में चांदी, सोने और पीतल के सिक्‍कों की ढलाई कराई जाती थी।

1918-मुंबई टकसाल को वर्ष 1918 में लंदन शाही टकसाल की शाखा घोषित किए जाने पर ब्रिटेन की स्‍वर्ण मुद्राएं ढाली गई थी।